सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

लेख लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या आपको भी अपना जीवन कठिन लगता है? कैसे बनाये अपने जीवन को आसान

आपको अगर अपने जीवन में परिस्थितियों के कारण अथवा किसी अन्य कारण से कठिनाई महसूस होती है तो शायद हमारा यह लेख आपके किसी काम आए जिसमें बताया गया है कि आप कैसे अपनी सोच बदल कर कठिन परिस्थितियों को भी अपने वश में कर अपने कठिन प्रतीत होने वाले जीवन को आसान व आनंदपूर्ण बना सकते हैं.   क्या वास्तव में जीवन जीना इतना कठिन है? क्या आपको भी अपना जीवन इतना कठिन लगता है

जल संरक्षण| क्या आप भी घर में बेबाकी से पानी बहाती है

बड़ी विडम्बना है कि हमारे देश में अस्सी प्रतिशत लोग जल संरक्षण या पानी बचाने के बारे में बिल्कुल भी जागरूक नहीं है. वो अनावश्यक रूप से खूब दिल खोलकर पानी बहाते हैं.  अधिकांश लोग जानते ही नहीं कि जल संरक्षण नाम की भी कोई चीज होती है. जल संरक्षण क्या है-- जल संरक्षण का अर्थ है  जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनःचक्रण (रिसाइक्लिंग) करना । जल का बु्द्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करना कि पानी व्यर्थ ना बहे व उसको सुरक्षित रखना ही जल संरक्षण कहलाता है.

बायोकेमिक चिकित्सा प्रणाली और बायोकेमिकल दवाइयां

क्या आप जानते हैं कि   बायोकेमिकल चिकित्सा प्रणाली  और  बायोकेमिकल दवाइयां क्या हैं?   घर परिवार में होम्योपैथिक  दवाइयां, बायोकेमिक दवाइयां तथा आयुर्वेदिक दवाइयों की थोड़ी बहुत नॉलेज अवश्य होनी चाहिए. क्योंकि इन दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और घरेलू मेटेरिया मेडिका के द्वारा होम्योपैथी और बायो केमिक दवाइयों का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि किसी भी बीमारी का इलाज डॉक्टर से ही कराना चाहिए किंतु घर परिवार में आए दिन छोटी मोटी बीमारी लगी ही रहती है. रोजमर्रा की साधारण बीमारियों को हम इन पैथी से   घर पर ही इलाज कर सकते हैं और क्योंकि यह साइड इफेक्ट नहीं देती ना ही नुकसान करती हैं. हमें फिर बार-बार डॉक्टर के पास भागना नहीं पड़ता. यहां इस लेख में हमने बायोकेमिकल दवाइयों के बारे में प्रारम्भिक जानकारी देने का प्रयास किया है. बायोकेमिकल चिकित्सा प्रणाली क्या है? वैसे आपने  बायोकेमिकल दवाओं के बारे में पहले भी अवश्य ही सुना होगा.  डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन  के द्वारा  होम्योपैथिक सिद्धांत  का प्रतिपादन करने के बाद डा. डब्लू. एच. शुस्लर ने  बायोकेमिक चिकित्सा प्रणाली  

लेख- मुस्कराने में कंजूसी मत कीजिये

ईश्वर का वरदान है  मुस्कान  मनुष्य के लिए क्योंकि केवल मनुष्य मात्र ऐसा जीव है जो मुस्कुरा सकता है. अन्य किसी जीव को  ईश्वर ने मुस्कराने की सुविधा प्रदान नहींं की है. इसलिए मुस्कुराहट पर पढ़िये हमारा यह लेख... मुस्कराने में कंजूसी मत कीजिये मुस्कान भी क्या चीज है. मुस्कराने में कंजूसी कभी मत कीजिये.  Best choice at low price at amazon sale

लेख-- क्या आप भी जिम जाती हैं

जिम जाना आपके लिए फिजूलखर्ची तो नहीं? क्यों ना जिम के फायदे घर पर रह कर ही उठायें. कैसे? यह इस लेख में बताया गया है.. क्या आप भी जिम जाती हैं Unsplash.com से साभार आज कल जिम जाना फिटनेस के साथ-साथ फैशन सिंबल भी बन गया है. यह एक महंगा शौक है. पढ़ें यह लेख भी- जीवन को बेहतर बनाने के व्यवहारिक सुझाव अपने पेशे के हिसाब से जिम जाना तो सही है मगर आम मध्यमवर्गीय महिलाओं के लिए यहां कुछ टिप्स है जो घर पर ही आजमा कर वे जिम के खर्च को बचा सकती हैं. इन टिप्स को आजमाने से उन्हें जिम जाने की कोई जरूरत महसूस नहीं होगी.... 1. सुबह पैदल डेढ - दो किलोमीटर अवश्य ही घूमने जायें. दिनभर शरीर व मन-मस्तिष्क तरोताजा रहेंगे.  2. घर पर रसोई की व्यवस्था ऐसी बनाएं कि रसोईघर में काम आने वाला कुछ सामान खाना बनाने वाले स्लैप के ऊपर हो और कुछ सामान खाना बनाने वाले स्लैैप के नीचे जैसे- दाल आटा, बर्तन आदि. कहने का तात्पर्य है कि अपने हिसाब से ऐसी व्यवस्था करें जिससे आप को ऊपर से भी सामान उठाना पड़े और नीचे से भी इससे आपकी इससे आपको बार-बार झुकना पड़ेगा तो कभी हाथ ऊपर हाथ ऊपर करके सामान को उचक कर

क्या इंटरनेट आपकी जिंदगी का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है.....Debate

जी हां, आज के युग में आप की, मेरी, इसकी, उसकी भला किसकी जिंदगी  का सबसे अधिक  महत्वपूर्ण हिस्सा   नहीं है इन्टरनेट ?  Entertainment शिक्षित, अशिक्षित, बच्चे, युवा, प्रौढ़,  बूढ़े हर कोई इन्टरनेट   का दिवाना है और हो भी क्यों ना? क्यों कि इन्टरनेट की बदौलत ही-- 'मेरी आंखों में सिमट आया है संसार सारा  क्या क्या देखूं सब ओर नजारा ही नजारा' इन्टरनेट हर किसी की जिन्दगी का एक हिस्सा

भारत की पन्द्रहवीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु- नारी जाति के लिए एक प्रेरणा

कुछ व्यक्तित्व अपने परिश्रम, दृढ़ता व जीवन में तोड़ देने वाली विषम परिस्थितियों में भी संभलने की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर संपूर्ण मानव जाति के लिए एक प्रेरणा स्तंभ बन जाते हैं, उन्हीं में से एक नाम है --  हमारी नवनिर्वाचित आदिवासी समुदाय से आने वाली प्रथम महिला तथा भारत की पन्द्रहवीं राष्ट्रपति   ' द्रोपदी मुर्मू' का. नारी जाति को तो इनसे विशेष रूप से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत की 15वीं महामहिम द्रौपदी मुर्मु

कैसे बनाए समाज में अपने परिवार की बेहतर छवि- 7 टिप्स

कौन गृहणी नहीं चाहती कि समाज में उसे व उसके घर-परिवार को आदर मिले. मगर यह इस बात पर निर्भर करता है कि समाज में आपके परिवार की छवि कैसी है. आप ने दूरदर्शन पर Asian paint का वह लोकप्रिय विज्ञापन तो अवश्य ही देखा होगा जिसकी मुख्य लाइन है- 'हर घर कुछ कहता है' इस विज्ञापन का सीधा-सीधा अर्थ है घर के दीवारों पर किया गया एशियन पेंट जैसीे उच्च कोटि का पेन्ट उस घर में रहने वाले सदस्यों की सुरुचि का परिचय देता है. यह तो चलो एक विज्ञापन है जिसका उदाहरण हमने यहां प्रतीकात्मक रूप में दिया है पर वास्तव में  यह सच है कि हर घर कुछ कहता है.  क्या कभी आपने विचार किया है कि आपका घर क्या कहता है? क्या परिचय देता है आपका व आपके परिवार का? कैसी है आपके परिवार की छवि आप के समाज में, आस-पडोस में, घर में आने वाले आतिथियों, आगन्तुकों के बीच. बेस्ट होम 

बड़े अच्छे लगते हैं यह नदिया, यह धरती, यह रैना और तुम (दाम्पत्य प्रेम)

Best jewelry सच में सुखद गृहस्थ जीवन और दांपत्य प्रेम की अनुभूति जीवन की वह पूंजी है जिसका कोई मोल ही नहीं है. अनमोल है यह पूंजी। तभी तो एक सुखी गृहणी के रोम रोम से यही एहसास मुखर होता दिखाई देता है कि- बड़े अच्छे लगते हैं यह नदिया, यह धरती, यह रैना और तुम.. दाम्पत्य प्रेम पर कविता पढ़ें unsplash.com से साभार  

क्या है वास्तविक स्वास्थ्य और सौन्दर्य

उत्तम स्वास्थ्य और सौन्दर्य कौन नहीं चाहता.  वास्तविक सुंदरता  क्या है यह हम सब लोग जानते तो हैं मगर उस और अपना ध्यान केंद्रित नहीं करते.   ऊपरी तौर पर केवल सुंदर नाक नक्श, गोरे रंग को ही सुन्दरता का और शारीरिक हष्ट-पुष्टता को ही स्वास्थ्य का मापदंड मान लिया जाता है. अन्य लोगों की भी केवल बाहरी सुंदरता ही देखते हैं और स्वयं को भी ऊपरी तौर पर ही कृत्रिम प्रसाधनों द्वारा सुंदर बनाने में लगे रहते हैं. यहाँ हम वास्तविक सेहत और सुंदरता के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे है जिन्हे पढ़ कर आप अवश्य ही लाभान्वित होंगे.   वास्तविक सौंदर्य और स्वास्थ्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें......

कोई जहर खाले तो क्या और कैसे करें उपचार

जहर का नाम सुनते ही हर कोई घबरा जाता है. मगर यदि कभी ऐसी परिस्थिति आ जाये कि कोई जहर खाले तो घबराने से तो काम नहीं चलेगा. डाक्टर के पास ले जाने में भी थोड़ा समय तो अवश्य लगेगा. ऐसे में तब तक स्वयं को संयत रखते हुए मरीज का उपचार करना अति आवश्यक है.  तो यहां यही बताने की कोशिश की गयी है कि डाक्टर तक पहुँचने से पहले जहर खाये मरीज का  किस प्रकार अर्थात क्या और कैसे मरीज का उपचार करें. यदि किसी को जहर दिया गया हो या उसने स्वयं खाया हो तो क्या और कैसे करें उपचार... जितना शीघ्र हो सके जहर खाये व्यक्ति को जहर खाने के १० मिनिट के भीतर ही भीतर डॉक्टर के पास ले जायें और यदि इतना शीघ्र डॉक्टर के पास ले जाना संभव ना  सके तो ये उपचार शीघ्र से शीघ्र करें. जहर मृत्यु का दूसरा नाम है. अक्सर घरों में किसी न किसी काम के लिए किसी भी रूप में हलका या तीव्र जहर मौजूद रहता ही है चाहे वह चूहों आदि या कीट पतंगों को मारने के लिए हो या किसी दवाई के रूप में हो या घर की सफाई के लिए किये जाने वाले डिटर्जेंट पदार्थों जैसे फिनाइल आदि के रूप में.

कैसे बनाये अपने जीवन को बेहतर- कुछ व्यवहारिक सुझाव

यह जीवन अमूल्य है. ईश्वर का अनुपम उपहार है. इसे श्रेष्ठ से भी श्रेष्ठतम बनाने में निरन्तर प्रयासरत रहना हमारा परम कर्तव्य है़.  जीवन को सुन्दर, स्वस्थ, बेहतर बनाये रखने के लिए कुछ व्यवहारिक   उपाय इस लेख में दिए गये हैं. पढ़ कर अवश्य लाभान्वित होवें. जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए कुछ व्यवहारिक सुझाव

गोलगप्पों के शौकीन गोलगप्पे अवश्य खायें मगर सावधानीपूर्वक

गोलगप्पों   का भला कौन  शौकीन  नहीं होता? क्या लड़के, क्या लड़कियां, शादी ब्याह में भी आप देखते होंगे कि लोग बड़े चटखारे ले लेकर  गोलगप्पे  खाते हैं. गोलगप्पे या पानीपूरी सब की पसन्द.. गोलगप्पें खाएं पर सोच-समझ कर गोलगप्पों का शौकीन होना बुरी बात नहीं है मगर क्या कभी सोचा है कि चौक-चौराहे, सड़क-किनारे और नुक्कड़ों पर खड़े हुए इन ठेलों पर गोलगप्पे खाना आपकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हैं.

लेख - प्यार तेरी पहली नजर को सलाम

लेख- प्यार तेरी पहली नजर को सलाम आज सुबह रेडियो पर गाना आ रहा था..... "सोलह बरस की बाली उमर को सलाम प्यार तेरी पहली नजर को सलाम"

लेख- यह महिलाओं को क्या हो गया है

लेख- यह महिलाओं को क्या हो गया है आधुनिक महिला  काफी दिनों से महिलाओं के बारे में लिखी यह पोस्ट मेरे ब्लॉग के डैशबोर्ड पर अप्रकाशित ड्राफ्ट  के रूप में पड़ी हुई थी. आज इस पोस्ट को  थोड़े  से संशोधन के साथ पोस्ट करने का मन हो आया.

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...

पति पर हास्य कविता| पति पत्नि की मनोरंजक नोकझोंक

हम लेकर आये हैं अंजू अग्रवाल द्वारा रचित पति पर   हास्य कविता। पति पत्नी की नोकझोंक प र लिखी गयी यह कविता निश्चय ही आपका मनोरंजन करेगी.   एक हास्य पति पर लिखी कविता कवि सम्मेलनों में प्राण फूंक देती हैं. उस पर भी पत्नी पर लिखी गयी हास्य कविताओं का तो श्रोता कुछ अधिक ही आनंद लेते हैं.  हास्य कवि तो मंच पर पत्नियों की बैंड बजा कर वाहवाही लूट मस्त रहते है पर एक हास्य कवि की पत्नी से यह बर्दाश्त न हुआ कि हमारा मजाक उड़ा पतिदेव वाहवाही लूटें तो उसने भी पतिदेव की बैंड बजाने की सोच एक हास्य कविता लिख दे मारी।  ऐसा ही कुछ दृश्य इस कविता की विषय वस्तु हैं.      कविता का आनंद ले-.    हास्य कविता-  मैं तो बिन सुने ही हंसता हूँ सोचा हमने कि मंच, पर हम भी जमेंगे श्रोता वाह वाह तब , हम पर भी करेंगे तंज कसते पत्नियों पर, यह मंच पर नित्य  हास्य कवि पति अब, हमसे भी ना बचेंगे. कविता एक हास्य की , हमने भी लिख मारी कहा इनसे सुनो जी , बोले आयी आफत हमारी पता था हमको यह, कि नौटंकी जरूर करेंगे नहीं हिम्मत मगर इतनी, कि कविता ना सुनेंगे. कहा हमने बोरिंग नहीं, कविता हंसने वाली है बोले तपाक से अच्छ

'मेरी तुम ज़िंदगी हो' valentine day love poem for husband from wife

A valentine day love poem(प्रेम कविता) for husband from wife (पति के लिए पत्नी की प्रेम भावनाएं 'मेरी तुम ज़िंदगी हो' कविता के रूप में)..  कितना प्यारा रिश्ता होता है पति पत्नी का. कभी खट्टा कभी मीठा। जितना चटपटा जायकेदार तो उतना ही मन की गहराइयों तक उतर कर अपनेपन की अलौकिक अनुभूति से सराबोर करने वाला. मगर यह रिश्ता प्यार की अनुभूति के साथ साथ प्यार की अभिव्यक्ति भी चाहता है, दिल की गहराइयों से निकले प्यार के कुछ बोल भी चाहता है. वो बोल अगर अपने जीवनसाथी के लिए  पति या पत्नी द्वारा रचित, लिखित या कथित प्रेम कविता के रूप में हो तो कहना ही क्या. एक नया रंग मिल जाएगा आपके प्यार को.  हमारे भारतीय समाज में जिम्मेदारियों और जीवन की भागदौड़ के रहते अक्सर पति-पत्नी ( husband wife) एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को मुखर नहीं करते और जीवन का ढर्रा एकरस सा चलता रहता है. जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम की अभियक्ति भी जरूरी है. वह I love you वाली घिसी पिटी अभिव्यक्ति नहीं बल्कि हृदय की गहराई से निकले प्रेम के सच्चे भाव. शायद ऐसे ही अवसरों के लिए अब Valentine day  और marriage day (mar

दाम्पत्य जीवन मे पत्नी के लिए पति के भावों को व्यक्त करती प्रेम कविता- मैं एक फूल लेकर आया था

प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था

एक अध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'

प्रस्तुत है जीवन के सत्य असत्य का विवेचन करती एक आध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'.  वास्तव में मन को समझना ही तो आध्यात्मिकता है. यह मन भी अजब है कभी शांत बैठता ही नहीं. जिज्ञासु मन में अलग-अलग तरह के प्रश्न उठते हैं. कभी मन उदास हो जाता है कभी मन खुश हो जाता है.  कभी मन में बैराग जागने लगता है कभी  आसक्ति . मन के कुछ ऐसे ही ऊहापोह में यह कविता मेरे मन में झरी और मैंने इसे यहां 'गृह-स्वामिनी' के  पन्नों  पर उतार दिया. पढ़कर आप भी बताइए कि यही प्रश्न आपके मन में तो नहीं उठते हैं. मन समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया  कभी शांत झील सा वीतरागी यह मन  तो कभी भावनाओं का  अन्तर्मन में झोंका आया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया छोर थाम अनासक्ति का रही झाँकती आसक्ति लगा कोलाहल गया  हो गयी अब विश्रांति  जगी फिर यूं कामना  मन ऐसा उफनाया  कैसा तेरा खेल, प्रभु कोई समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया कैसा जोग, कैसा जोगी  बैरागी कहलाये जो  बन  जाये  प्रेम-रोगी  सांसो में जो बस जाए  क्या मन वो भुला पाया 

क्या आपको भी अपना जीवन कठिन लगता है? कैसे बनाये अपने जीवन को आसान

आपको अगर अपने जीवन में परिस्थितियों के कारण अथवा किसी अन्य कारण से कठिनाई महसूस होती है तो शायद हमारा यह लेख आपके किसी काम आए जिसमें बताया गया है कि आप कैसे अपनी सोच बदल कर कठिन परिस्थितियों को भी अपने वश में कर अपने कठिन प्रतीत होने वाले जीवन को आसान व आनंदपूर्ण बना सकते हैं.   क्या वास्तव में जीवन जीना इतना कठिन है? क्या आपको भी अपना जीवन इतना कठिन लगता है

कविता- मां की कोख में स्थित कन्या-भ्रूण की मां से विनती

मां के गर्भ  में स्थित भ्रूण कन्या   का अपनी मां से निवेदन, एक विनती मार्मिक कविता के रूप में..... बेटियों को जन्म देने  के बारे में समाज की सोच में हालांकि अब काफी सकारात्मक परिवर्तन हुआ है फिर भी  कन्या-भ्रूण हत्या  की घटनाएं गाहे-बगाहे सुनने में आ ही जाती है. प्रस्तुत कविता में समाज की इसी सोच पर चोट करने की कोशिश की गयी है. नारी कमजोर नहीं, पढ़े यह कविता 'मैं नारी' कन्या भ्रूण हत्या पर मेरी यह  कविता  आपके समक्ष प्रस्तुत है- कन्या-भ्रूण हत्या कोख अपनी ना तुम यूं उजाड़ो मां बेटी बन कोख में आ गई मैं तो क्या नाम रोशन तेरा मैं करूँ देखना तेरी परछाई बन मैं रहूँ देखना बेटे से कम ना मुझको विचारो मां बेटी बन कोख में आ गई मैं तो क्या