दौराहा ब्लाग पत्रिका गृह-स्वामिनी पर काव्य के अन्तर्गत आज के मानव की मनोस्थिति को व्यक्त करती एक और कविता .... हर किसी के मन में ना जाने कितने ही दौराहे होते हैं जहाँ वह द्वंद में पड़ जाता है कि कौन सा रास्ता सही है और कौन सा रास्ता गलत. मन के अन्तर्द्वन्द को दर्शाती एक कविता .....
पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर पति द्वारा जीवन संगिनी अर्थात पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह भावपूर्ण कविता ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक कविता . आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...