बिल्ली, चूहे आदि पर बाल गीत और बाल कवितायेँ बच्चों को बहुत पसंद आती हैं. ऐसा ही एक चूहा गीत लेकर आएं हैं हम आपके लिए. स्कूल में बच्चे इन्हें गाकर बहुत खुश हो जायेंगे. इस गीत को जब नन्हे-नन्हे बालक अपनी प्यारी प्यारी तोतली भाषा में सुनाएंगे तो आप को बच्चों पर प्यार और आपके चेहरे पर मुस्कान आए बिना नहीं रहेगी. यह बाल गीत बच्चों को स्कूल में भी सिखाये जाने के लिये उत्तम है. यह कविता सिखाती है कि 'लालच बुरी बला है'. तो पढ़िये चूहे पर लिखा - चूहा गीत 'लालच बुरी बला है ' चूहे ने किया टेलीफोन चुहिया बोली आप है कौन? यह बाल प्रार्थना भी पढ़िए हमे नहीं तुमने पहचाना हमे जानता सारा जमाना अपने बिल में माल बड़े है कुतर कुतर भंडार भरे हैं अपने इलाके के हम डॉन. मिलो कनाट प्लेस पर कल को दिल्ली घुमायेंगे हम तुम को और दिलायेंगे एक साडी ज़िसे पहन कर लगोगी प्यारी हम सा दिल वाला यहां कौन? सुना चुहिया ने, खूब हंसी आज तो मुर्गी खूब फंसी बोली इठला चुहिया रानी कसम तुम्हे होगी इक खानी देखो अब हो न जाना मौन. अगर मुझे करते हो प्यार साडी संग मैं लूँगी
पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर पति द्वारा जीवन संगिनी अर्थात पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह भावपूर्ण कविता ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक कविता . आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...