अंग्रेज हमारे देश से चले गये मगर हम भारतीयों के मन से अंग्रेजियत और पश्चिमी संस्कृति के प्रति मोह नहीं गया. इसी विषय पर प्रस्तुत है एक कविता.. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर एक लेख भी पढ़ें लाल बहादुर शास्त्रीजी पर कविता पढ़ें आज अपनी जमीं है, अपना आसमाँ तिरंगा प्यारा आज अपनी जमीं है, अपना आसमाँ मगर ऐ खुदा, ढूँढते थे जो हम जो, वो जहाँ कहाँ है, कहाँ है, कहाँ है, कहाँ
पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर पति द्वारा जीवन संगिनी अर्थात पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह भावपूर्ण कविता ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक कविता . आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...