सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जल संरक्षण| क्या आप भी घर में बेबाकी से पानी बहाती है

बड़ी विडम्बना है कि हमारे देश में अस्सी प्रतिशत लोग जल संरक्षण या पानी बचाने के बारे में बिल्कुल भी जागरूक नहीं है. वो अनावश्यक रूप से खूब दिल खोलकर पानी बहाते हैं. 

अधिकांश लोग जानते ही नहीं कि जल संरक्षण नाम की भी कोई चीज होती है.

जल संरक्षण क्या है--


जल का बु्द्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करना कि पानी व्यर्थ ना बहे व उसको सुरक्षित रखना ही जल संरक्षण कहलाता है.

jal-sanrakshan-par-lekh


 सड़कों और गलियों से गुजरते हुए मैं देखती हूं कि घरों की नालियों और पानी के टैंकों से कितनी-कितनी देर तक धाराप्रवाह पानी निकलकर नालियों में बहता रहता है.

अब प्राय सभी घरों में सबमरसिबिल वाटर पंप लगे होते हैं. लोग इनके लगने से पानी का बहुत दुरुपयोग करते हैं. पंप चला कर बंद करना ही भूल जाते हैं और काफी समय तक पानी यूं ही निकलकर नालियों में बहता रहता है.
जल-संरक्षण-पर-लेख

पानी की एक-एक बूंद की कितनी कीमत है यह हमें पता होना चाहिए. अगर एक दिन को भी घर में पानी की सप्लाई रुक जाए तो पूरे परिवार की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है. स्त्रियों को तो विशेष रूप से परेशानी होती है इसलिए उनको तो उसे जरूर इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि पानी की बर्बादी ना हो. एक भी बूंद व्यर्थ जाया ना हो.
आज पानी तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है और जमीन के भीतर जल का स्तर घटता जा रहा है इसलिए इस समय सभी को जल को जल को संरक्षित रखने की और जल बचाने की मुहिम में अवश्य सहभागी होना चाहिए.

पानी को बर्बादी से कैसे बचाये--

1.  सर्वप्रथम तो टैंक में पानी भरते समय मोटर सही समय पर बंद करना ना भूलें. हो सके तो अलार्म भी लगवा सकती हैं जिससे टैंक पूरा भर जाने पर अलार्म बोलने लगे तो पम्प बंद कर दिया जाये. इससे पानी और बिजली दोनों की ही बचत होगी.

2. घरों के सभी नलों की टोंटियां या पाइपों के खराब होते ही तुरंत उनकी मरम्मत करवाएं या जरूरत हो तो बदलवाएं. बहुत से घरों में बूंद बूंद कर पानी टपकता रहता है और ठीक करवाने की जरूरत ही नहीं समझी जाती. ऐसी लापरवाही ठीक नहीं. इस प्रकार काफी मात्रा में पानी व्यर्थ बह जाता है.

3. आजकल अधिकतर घरों में मोटर होती है और पानी भरने के लिए हैंडपंप चलाने की मेहनत नहीं करनी पड़ती तो लोगों की मानसिकता यह रहती है कि हमें पानी की क्या कमी, हमें बचत करने की कोई जरूरत नहीं है और इसलिए वह लापरवाही से पानी बहाते हैं.

देश और देश की समस्याओं से उन्हें कोई लेना देना नहीं होता इसलिए पानी बचाने के लिए उन्हें कहा जाए तो वह इसे कंजूसी समझते हैं. मगर यदि गृहिणियां  खुद भी समझे और अन्य लोगों को भी समझाएं कि जल संरक्षण केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है. पूरी मानव जाति का कर्तव्य है कि एक जागरुक नागरिक की भांति पानी की बचत कर जल-संरक्षण में सहयोग दें.

4.  घर में फुल ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन के बजाय सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन रखें. फुल ऑटोमेटिक मशीन में पानी बहुत ज्यादा लगता है. रोज-रोज मशीन ना चला कर सप्ताह में एक या दो दिन ही मशीन चलाएं.

5.  आरओ की जगह सामान्य प्यूरीफायर लगवाने से भी पानी की काफी बचत हो सकती है क्योंकि आरओ मे बहुत पानी बर्बाद होता है.

6.  बर्तन धोते समय पानी किसी चौड़े बर्तन में लेकर धोएं बजाए नल के नीचे सीधे बर्तन धोने के.

7.   गृहिणियां घर में नियम बना दें कि प्रत्येक सदस्य को पीने के लिए जितना पानी पीना है उतना ही पानी गिलास में लें. गिलास में बचा पानी बेकार ही तो जाता है.

8.  काम करते हुए नल खुला न छोड़ें. नहाते हुए बाल्टी मग का इस्तेमाल करें. अगर गार्डनिंग का शौक रखते हैं तो पौधों को उतना ही पानी दें जितने पानी की जरूरत है. पाइप से पानी देने की जगह मग और बाल्टी का इस्तेमाल करें.
इस प्रकार छोटी-छोटी कोशिशों द्वारा हम पानी की बचत करके जल संरक्षण में बहुत बड़ा सहयोग कर सकते हैं और एक अच्छे नागरिक होने का उदाहरण भी प्रस्तुत कर सकते हैं जिससे औरों को भी प्रेरणा मिले  क्योंकि आज और आने वाले समय के लिए जल को बचाना अत्यंत आवश्यक है. जल संरक्षण आज व कल की महती आवश्यकता है वरना आने वाले समय में भयंकर जल संकट पैदा हो सकता है.
-----------------------------------
गृह स्वामिनी पर अन्य लेख भी पढ़ें....

टिप्पणियाँ

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी... हास्य बन्नी गीत पढ़ें तो प्रस्तुत है यह  भा वपूर्ण, दिल को छू लेने वाली कविता 'साथी मेरे' धूप को छांव को, बरखा बहार को प्रिये तेरे साथ से पहचानता हूं साथी मेरे, इस जिंदगी को अब मैं बस तेरे नाम, से ही तो जानता हूं कितने सावन हमने पीछे छोड़े सुख-दुख के पलों से नाते जोड़े जुटी खुशियां और आशाएं भी टूटी करें मगर क्यों गम जो दुनिया रूठी मीत मेरे मैं तो, तेर...

पति पर हास्य कविता| पति पत्नि की मनोरंजक नोकझोंक

हम लेकर आये हैं अंजू अग्रवाल द्वारा रचित पति पर   हास्य कविता। पति पत्नी की नोकझोंक प र लिखी गयी यह कविता निश्चय ही आपका मनोरंजन करेगी.   एक हास्य पति पर लिखी कविता कवि सम्मेलनों में प्राण फूंक देती हैं. उस पर भी पत्नी पर लिखी गयी हास्य कविताओं का तो श्रोता कुछ अधिक ही आनंद लेते हैं.  हास्य कवि तो मंच पर पत्नियों की बैंड बजा कर वाहवाही लूट मस्त रहते है पर एक हास्य कवि की पत्नी से यह बर्दाश्त न हुआ कि हमारा मजाक उड़ा पतिदेव वाहवाही लूटें तो उसने भी पतिदेव की बैंड बजाने की सोच एक हास्य कविता लिख दे मारी।  ऐसा ही कुछ दृश्य इस कविता की विषय वस्तु हैं.      कविता का आनंद ले-.    हास्य कविता-  मैं तो बिन सुने ही हंसता हूँ सोचा हमने कि मंच, पर हम भी जमेंगे श्रोता वाह वाह तब , हम पर भी करेंगे तंज कसते पत्नियों पर, यह मंच पर नित्य  हास्य कवि पति अब, हमसे भी ना बचेंगे. कविता एक हास्य की , हमने भी लिख मारी कहा इनसे सुनो जी , बोले आयी आफत हमारी पता था हमको यह, कि नौटंकी जरूर करेंगे नहीं हिम्मत मगर इतनी, कि कविता ना सुनेंगे. क...

'मेरी तुम ज़िंदगी हो' valentine day love poem for husband from wife

A valentine day love poem(प्रेम कविता) for husband from wife (पति के लिए पत्नी की प्रेम भावनाएं 'मेरी तुम ज़िंदगी हो' कविता के रूप में)..  कितना प्यारा रिश्ता होता है पति पत्नी का. कभी खट्टा कभी मीठा। जितना चटपटा जायकेदार तो उतना ही मन की गहराइयों तक उतर कर अपनेपन की अलौकिक अनुभूति से सराबोर करने वाला. मगर यह रिश्ता प्यार की अनुभूति के साथ साथ प्यार की अभिव्यक्ति भी चाहता है, दिल की गहराइयों से निकले प्यार के कुछ बोल भी चाहता है. वो बोल अगर अपने जीवनसाथी के लिए  पति या पत्नी द्वारा रचित, लिखित या कथित प्रेम कविता के रूप में हो तो कहना ही क्या. एक नया रंग मिल जाएगा आपके प्यार को.  हमारे भारतीय समाज में जिम्मेदारियों और जीवन की भागदौड़ के रहते अक्सर पति-पत्नी ( husband wife) एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को मुखर नहीं करते और जीवन का ढर्रा एकरस सा चलता रहता है. जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम की अभियक्ति भी जरूरी है. वह I love you वाली घिसी पिटी अभिव्यक्ति नहीं बल्कि हृदय की गहराई से निकले प्रेम के सच्चे भाव. शायद ऐसे ही अवसरों...

एक अध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'

प्रस्तुत है जीवन के सत्य असत्य का विवेचन करती एक आध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'.  वास्तव में मन को समझना ही तो आध्यात्मिकता है. यह मन भी अजब है कभी शांत बैठता ही नहीं. जिज्ञासु मन में अलग-अलग तरह के प्रश्न उठते हैं. कभी मन उदास हो जाता है कभी मन खुश हो जाता है.  कभी मन में बैराग जागने लगता है कभी  आसक्ति . मन के कुछ ऐसे ही ऊहापोह में यह कविता मेरे मन में झरी और मैंने इसे यहां 'गृह-स्वामिनी' के  पन्नों  पर उतार दिया. पढ़कर आप भी बताइए कि यही प्रश्न आपके मन में तो नहीं उठते हैं. मन समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया  कभी शांत झील सा वीतरागी यह मन  तो कभी भावनाओं का  अन्तर्मन में झोंका आया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया छोर थाम अनासक्ति का रही झाँकती आसक्ति लगा कोलाहल गया  हो गयी अब विश्रांति  जगी फिर यूं कामना  मन ऐसा उफनाया  कैसा तेरा खेल, प्रभु कोई समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया कैसा जोग, कैसा जोगी  बैरागी कहलाये जो  बन  जाये ...

कविता- मैं चाहूं या ना चाहूं

कविता -- मैं चाहूं या ना चाहूं   ब्लॉग   गृह-स्वामिनी पर एक और  कविता .... मैं चाहूं या ना चाहूं तुम रहोगे सदा मेरे मन में मेरे साथ मैं चाहूं या ना चाहूं

दाम्पत्य जीवन मे पत्नी के लिए पति के भावों को व्यक्त करती प्रेम कविता- मैं एक फूल लेकर आया था

प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था

पाककला के कुछ उपयोगी टिप्स

कौन गृहिणी  कुकिंग के उपयोगी टिप्स का प्रयोग नहीं करना चाहेगी जिससे कि उसके रसोई घर में बने भोजन से पूरा परिवार  तृप्ति का अनुभव करे तथा घर  का हर सदस्य और घर में आने वाले मेहमान उस की  पाककला   की प्रशंसा करते रहे. इसके लिए महिलाएं अक्सर अपने  रसोईघर  में  पाककला  के नए-नए   व्यंजन  बनाती रहती है और नए नए  टिप्स  आजमाती रहती हैं. किंतु आजकल की कामकाजी महिलाओं को इतना समय नहीं मिल पाता कि वे रोज नए नए व्यंजन बनाए।उन्हें घर-बाहर, ऑफिस व बच्चों की पढ़ाई आदि के अन्य कार्य करने होते हैं जिससे वह चाह कर भी कुछ नया नहीं पका पाती, बस जैसे-तैसे रोजमर्रा में बनने वाला सामान्य भोजन ही बना पाती हैं किंतु उस रोजमर्रा के भोजन में भी अगर कुछ नए प्रयोग किए जाएं तो जिनमें अतिरिक्त समय भी ना लगे और रंग भी चोखा आए तो फिर बात ही क्या? भोजन बनाने के कुछ उपयोगी टिप्स-- तो फिर क्यों ना आजमायें हम महिलाएं पाककला    के लिए ये कारगर  टिप्स ---