सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सर्दियों के लिए गुड और चावल से बनी मजेदार डिश की रेसिपी- गुड़ के चावल

सर्दियों में गुड़ का अपना अलग ही मजा है. वैसे भी गुड़ गर्म होता है इसलिए सर्दियों में गुड़ खाना फायदेमंद भी है. यहां हम आपको गुड़ के चावल बनाने की रेसिपी बता रहे हैं. ये चावल बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं.  लोग इस डिश को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं लेकिन हम तो सीधे-साधे अपनी देशी भाषा में इस डिश को गुड़ के चावल कहते हैं.

सामग्री-

100 ग्राम पके (उबले हुए) चावल
30 मि.लि.  कोकेनट मिल्क (कच्चे नारियल का पानी)
30 ग्राम  गुड़
10 मि.लि. क्रीम
20 ग्राम चीनी

गुड़-चावल-डिश
 गुड़ के चावल 

 विधि -

कोकोनट मिल्क में गुड़ को डालकर भली-भांति मिला लें. गुड़ कोकोनट मिल्क में बिल्कुल घुल जाए, उसमें गुड़ी ना रहे. अब एक पैन में कोकोनट और गुड़ का मिश्रण डालकर गर्म करें फिर इसमें पके हुए चावलों को एकसार कर के मिला दें.
चावल मिश्रण में अच्छी तरीके से मिल जाए और गरम हो जाए तो गैस को बंद कर दे 

अब अलग से क्रीम या ताजी मलाई में चीनी को डालकर सिरप तैयार कर लें और उसे अलग रख दें.

अब चावलों को सर्विंग डिश में निकालें और फिर ऊपर से क्रीम और चीनी का तैयार किया हुआ सिरप डालें और गरम-गरम सर्व करें.
अगर आप चाहे तो इसमें ऊपर से थोड़ा कसा हुआ नारियल और ड्राई फ्रूट्स भी छोटे छोटे टुकड़े कर के डाल सकती हैं.

तो लीजिए हो गए आपके गुड़ के चावल तैयार. बनाइए, खाइए और खिलाइए और मजा लीजिए.
पढ़िये और रेसिपी

टिप्पणियाँ

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी... हास्य बन्नी गीत पढ़ें तो प्रस्तुत है यह  भा वपूर्ण, दिल को छू लेने वाली कविता 'साथी मेरे' धूप को छांव को, बरखा बहार को प्रिये तेरे साथ से पहचानता हूं साथी मेरे, इस जिंदगी को अब मैं बस तेरे नाम, से ही तो जानता हूं कितने सावन हमने पीछे छोड़े सुख-दुख के पलों से नाते जोड़े जुटी खुशियां और आशाएं भी टूटी करें मगर क्यों गम जो दुनिया रूठी मीत मेरे मैं तो, तेर...

एक अध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'

प्रस्तुत है जीवन के सत्य असत्य का विवेचन करती एक आध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'.  वास्तव में मन को समझना ही तो आध्यात्मिकता है. यह मन भी अजब है कभी शांत बैठता ही नहीं. जिज्ञासु मन में अलग-अलग तरह के प्रश्न उठते हैं. कभी मन उदास हो जाता है कभी मन खुश हो जाता है.  कभी मन में बैराग जागने लगता है कभी  आसक्ति . मन के कुछ ऐसे ही ऊहापोह में यह कविता मेरे मन में झरी और मैंने इसे यहां 'गृह-स्वामिनी' के  पन्नों  पर उतार दिया. पढ़कर आप भी बताइए कि यही प्रश्न आपके मन में तो नहीं उठते हैं. मन समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया  कभी शांत झील सा वीतरागी यह मन  तो कभी भावनाओं का  अन्तर्मन में झोंका आया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया छोर थाम अनासक्ति का रही झाँकती आसक्ति लगा कोलाहल गया  हो गयी अब विश्रांति  जगी फिर यूं कामना  मन ऐसा उफनाया  कैसा तेरा खेल, प्रभु कोई समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया कैसा जोग, कैसा जोगी  बैरागी कहलाये जो  बन  जाये ...

दाम्पत्य जीवन मे पत्नी के लिए पति के भावों को व्यक्त करती प्रेम कविता- मैं एक फूल लेकर आया था

प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था

'मेरी तुम ज़िंदगी हो' valentine day love poem for husband from wife

A valentine day love poem(प्रेम कविता) for husband from wife (पति के लिए पत्नी की प्रेम भावनाएं 'मेरी तुम ज़िंदगी हो' कविता के रूप में)..  कितना प्यारा रिश्ता होता है पति पत्नी का. कभी खट्टा कभी मीठा। जितना चटपटा जायकेदार तो उतना ही मन की गहराइयों तक उतर कर अपनेपन की अलौकिक अनुभूति से सराबोर करने वाला. मगर यह रिश्ता प्यार की अनुभूति के साथ साथ प्यार की अभिव्यक्ति भी चाहता है, दिल की गहराइयों से निकले प्यार के कुछ बोल भी चाहता है. वो बोल अगर अपने जीवनसाथी के लिए  पति या पत्नी द्वारा रचित, लिखित या कथित प्रेम कविता के रूप में हो तो कहना ही क्या. एक नया रंग मिल जाएगा आपके प्यार को.  हमारे भारतीय समाज में जिम्मेदारियों और जीवन की भागदौड़ के रहते अक्सर पति-पत्नी ( husband wife) एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को मुखर नहीं करते और जीवन का ढर्रा एकरस सा चलता रहता है. जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम की अभियक्ति भी जरूरी है. वह I love you वाली घिसी पिटी अभिव्यक्ति नहीं बल्कि हृदय की गहराई से निकले प्रेम के सच्चे भाव. शायद ऐसे ही अवसरों...
जीवन को नकारात्मकता से बचाए उम्र तथा अनुभव बढ़ने के साथ हम महसूस करने लगते है कि हमारे बुजुर्ग, शास्त्र एवं महान पुरुष जो कह गए हैं वो कितना सही है. बचपन में बच्चे कितने निर्दोष होते हैं. युवा होने के साथ उनमे संसारिकता बदती जाती है फिर प्रोड होने तक जिम्मेदारियों के निर्वहन तथा आवश्यकताओं के संपादन में बहुत कुछ गलत कार्य भी मनुष्य से हो जाते हैं. किन्तु एक नार्मल प्रोड तथा उम्र-दराज़ इंसान जब अपनी मूलभूत जिम्मेदारियो से मुक्त हो जाता है तो उसमे उसकी शुद्ध आत्मा की झलक दिखाई पड़ने लगती है. क्योंकि वह स्वयं को मुक्त अनुभव करने लगता है और उसके चित्त पर चिंताओं के आवरण कम हो जाते हैं. मैंने देखा है कि मुक्त व्यक्ति औरों के प्रति भी सहृदय हो जाता है, स्वयं को उस सत-चित्त आनंद स्वरुप आत्मा से भी जुडा महसूस करता है, प्रसन्न रहना चाहता है और अन्य लोगो को भी प्रसन्नता देना चाहता है. यही तो जीव-आत्मा की मूल विशेषता है. और सब तो संसारिकता है. इसीलिए हम बच्चों को यह सिखाने का प्रयास करे कि अगर कोई उनके साथ ख़राब भी करता है तो यह उसकी अपनी लाचारी है. उस व्यक्ति को वह उसके मूल स्वरुप में देख...

पति पर हास्य कविता| पति पत्नि की मनोरंजक नोकझोंक

हम लेकर आये हैं अंजू अग्रवाल द्वारा रचित पति पर   हास्य कविता। पति पत्नी की नोकझोंक प र लिखी गयी यह कविता निश्चय ही आपका मनोरंजन करेगी.   एक हास्य पति पर लिखी कविता कवि सम्मेलनों में प्राण फूंक देती हैं. उस पर भी पत्नी पर लिखी गयी हास्य कविताओं का तो श्रोता कुछ अधिक ही आनंद लेते हैं.  हास्य कवि तो मंच पर पत्नियों की बैंड बजा कर वाहवाही लूट मस्त रहते है पर एक हास्य कवि की पत्नी से यह बर्दाश्त न हुआ कि हमारा मजाक उड़ा पतिदेव वाहवाही लूटें तो उसने भी पतिदेव की बैंड बजाने की सोच एक हास्य कविता लिख दे मारी।  ऐसा ही कुछ दृश्य इस कविता की विषय वस्तु हैं.      कविता का आनंद ले-.    हास्य कविता-  मैं तो बिन सुने ही हंसता हूँ सोचा हमने कि मंच, पर हम भी जमेंगे श्रोता वाह वाह तब , हम पर भी करेंगे तंज कसते पत्नियों पर, यह मंच पर नित्य  हास्य कवि पति अब, हमसे भी ना बचेंगे. कविता एक हास्य की , हमने भी लिख मारी कहा इनसे सुनो जी , बोले आयी आफत हमारी पता था हमको यह, कि नौटंकी जरूर करेंगे नहीं हिम्मत मगर इतनी, कि कविता ना सुनेंगे. क...

क्या आपको भी अपना जीवन कठिन लगता है? कैसे बनाये अपने जीवन को आसान

आपको अगर अपने जीवन में परिस्थितियों के कारण अथवा किसी अन्य कारण से कठिनाई महसूस होती है तो शायद हमारा यह लेख आपके किसी काम आए जिसमें बताया गया है कि आप कैसे अपनी सोच बदल कर कठिन परिस्थितियों को भी अपने वश में कर अपने कठिन प्रतीत होने वाले जीवन को आसान व आनंदपूर्ण बना सकते हैं.   क्या वास्तव में जीवन जीना इतना कठिन है? क्या आपको भी अपना जीवन इतना कठिन लगता है