सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

लेख- मुस्कराने में कंजूसी मत कीजिये

ईश्वर का वरदान है मुस्कान मनुष्य के लिए क्योंकि केवल मनुष्य मात्र ऐसा जीव है जो मुस्कुरा सकता है. अन्य किसी जीव को ईश्वर ने मुस्कराने की सुविधा प्रदान नहींं की है.

इसलिए मुस्कुराहट पर पढ़िये हमारा यह लेख...

मुस्कराने में कंजूसी मत कीजिये

smiling-girl

मुस्कान भी क्या चीज है. मुस्कराने में कंजूसी कभी मत कीजिये. 

अधरों पर मुस्कान आते ही आंखों में चमक, चेहरे पर रंगत और अंदाज़ में खुशनुमानियत नजर आने लगती है. सामने वाले को अपना बना लेने का जबरदस्त हथियार है मुस्कान. किसी को देख मुस्करा भर देने से ही वह हमारे प्रति सहज हो जाता है.

Beautiful smile
मुस्कान, अपनत्व की पहचान है
किसी को देख मुस्कुरा दो तो वह स्वयं को महत्वपूर्ण मानने लगता है और उसका मनोबल बढ़ जाता है और आपका कुछ जाता भी नहीं.



बताइए क्या दूसरों का मनोबल बढ़ाना कम पुण्य का कार्य है? और फिर मुस्करा कर दूसरों से बड़े से बड़ा काम करवा लेना भी सम्भव हो जाता है.

smiling-girls

मुस्कुराते हुए चेहरे अपने चारों ओर ऐसी सकारात्मकता (positivity) का निर्माण कर देते हैं कि आसपास के अन्य लोग भी उस सकारात्मकता से प्रभावित हो प्रसन्नता और शांति का अनुभव कर स्वभाविक
रूपसे मुस्करा उठते हैं.


मेरी कुछ पंक्तियां देखें------

फूल ना दे सको
किसी को गर
एक मुस्कान ही दे दो
तुम्हारा कुछ भी तो
ना जाएगा
उसकी तबीयत
संवर जाएगी.

इस बात की परख हम यूं भी कर सकते हैं कि सोचो, कोई परिचित आपको देख कर भी अनदेखा कर दे और बिना मुस्कुराए ही निकल जाए तो उसकी उपेक्षा से घंटे भर के लिए तो आपका मूड बिगड़ ही गया मानो. बेवजह एक कडुवाहट सी मन को मथती रहती है. लगता रहता है..

"कोई बात भी नहीं, पर बात भी है".

ना चाहते हुए भी कुछ समय तक हृदय को यही बात सालती रहती है और एक अनचाही, अनजानी सी दूरी उस व्यक्ति के प्रति आपके हृदय में आ जाती है और अगली बार आप भी उसे देख कर अनदेखा करने का प्रण मन ही मन ले स्वयं को शांत करने का प्रयत्न करते हैं. ईमानदारी से बताइये - करते है ना?

मेरा तो भई, यह मानना है कि ---

मै जब राहों से गुजरता हूं
अपनी जानिब
मुस्काने गिनता हूं
कुछ इस तरह मै
जिंदगी को
मुट्ठी में रखता हूं.

तो चले आज से हम भी मुस्कान के आदान-प्रदान द्वारा जीवन को यानी कि जीवन की खुशियों को अपनी मुट्ठठी में रक्खे. साथ ही दूसरों पर मुस्कान लुटा उन्हें खुशियां देने में तनिक भी कंञूसी ना दिखाये.

और हाँ, औरों के प्रति अपना व्यवहार भी सदा सद्भावना से भरपूर रखें ताकि आपको देखते ही हर किसी के मुख पर अपनत्व भरी मुस्कान स्वयं ही खेलने लगे और वह आपसे कतरा कर जा ही ना सकें.

हम में कुछ हो ना हो
लूट लेंगे हम जहाँ
मुस्करा कर
दुनिया की दौलत फना
एक मुस्कान पर
लुट जायेंगे
हम मुस्करा कर.  -------------------
 ब्लाग गृह-स्वामिनी पर अन्य लेख पढ़े.......

टिप्पणियाँ

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...

पति पर हास्य कविता| पति पत्नि की मनोरंजक नोकझोंक

हम लेकर आये हैं अंजू अग्रवाल द्वारा रचित पति पर   हास्य कविता। पति पत्नी की नोकझोंक प र लिखी गयी यह कविता निश्चय ही आपका मनोरंजन करेगी.   एक हास्य पति पर लिखी कविता कवि सम्मेलनों में प्राण फूंक देती हैं. उस पर भी पत्नी पर लिखी गयी हास्य कविताओं का तो श्रोता कुछ अधिक ही आनंद लेते हैं.  हास्य कवि तो मंच पर पत्नियों की बैंड बजा कर वाहवाही लूट मस्त रहते है पर एक हास्य कवि की पत्नी से यह बर्दाश्त न हुआ कि हमारा मजाक उड़ा पतिदेव वाहवाही लूटें तो उसने भी पतिदेव की बैंड बजाने की सोच एक हास्य कविता लिख दे मारी।  ऐसा ही कुछ दृश्य इस कविता की विषय वस्तु हैं.      कविता का आनंद ले-.    हास्य कविता-  मैं तो बिन सुने ही हंसता हूँ सोचा हमने कि मंच, पर हम भी जमेंगे श्रोता वाह वाह तब , हम पर भी करेंगे तंज कसते पत्नियों पर, यह मंच पर नित्य  हास्य कवि पति अब, हमसे भी ना बचेंगे. कविता एक हास्य की , हमने भी लिख मारी कहा इनसे सुनो जी , बोले आयी आफत हमारी पता था हमको यह, कि नौटंकी जरूर करेंगे नहीं हिम्मत मगर इतनी, कि कविता ना सुनेंगे. क...

'मेरी तुम ज़िंदगी हो' valentine day love poem for husband from wife

A valentine day love poem(प्रेम कविता) for husband from wife (पति के लिए पत्नी की प्रेम भावनाएं 'मेरी तुम ज़िंदगी हो' कविता के रूप में)..  कितना प्यारा रिश्ता होता है पति पत्नी का. कभी खट्टा कभी मीठा। जितना चटपटा जायकेदार तो उतना ही मन की गहराइयों तक उतर कर अपनेपन की अलौकिक अनुभूति से सराबोर करने वाला. मगर यह रिश्ता प्यार की अनुभूति के साथ साथ प्यार की अभिव्यक्ति भी चाहता है, दिल की गहराइयों से निकले प्यार के कुछ बोल भी चाहता है. वो बोल अगर अपने जीवनसाथी के लिए  पति या पत्नी द्वारा रचित, लिखित या कथित प्रेम कविता के रूप में हो तो कहना ही क्या. एक नया रंग मिल जाएगा आपके प्यार को.  हमारे भारतीय समाज में जिम्मेदारियों और जीवन की भागदौड़ के रहते अक्सर पति-पत्नी ( husband wife) एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को मुखर नहीं करते और जीवन का ढर्रा एकरस सा चलता रहता है. जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम की अभियक्ति भी जरूरी है. वह I love you वाली घिसी पिटी अभिव्यक्ति नहीं बल्कि हृदय की गहराई से निकले प्रेम के सच्चे भाव. शायद ऐसे ही अवसरों...

दाम्पत्य जीवन मे पत्नी के लिए पति के भावों को व्यक्त करती प्रेम कविता- मैं एक फूल लेकर आया था

प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था

एक अध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'

प्रस्तुत है जीवन के सत्य असत्य का विवेचन करती एक आध्यात्मिक कविता 'मन समझ ना पाया'.  वास्तव में मन को समझना ही तो आध्यात्मिकता है. यह मन भी अजब है कभी शांत बैठता ही नहीं. जिज्ञासु मन में अलग-अलग तरह के प्रश्न उठते हैं. कभी मन उदास हो जाता है कभी मन खुश हो जाता है.  कभी मन में बैराग जागने लगता है कभी  आसक्ति . मन के कुछ ऐसे ही ऊहापोह में यह कविता मेरे मन में झरी और मैंने इसे यहां 'गृह-स्वामिनी' के  पन्नों  पर उतार दिया. पढ़कर आप भी बताइए कि यही प्रश्न आपके मन में तो नहीं उठते हैं. मन समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया  कभी शांत झील सा वीतरागी यह मन  तो कभी भावनाओं का  अन्तर्मन में झोंका आया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया छोर थाम अनासक्ति का रही झाँकती आसक्ति लगा कोलाहल गया  हो गयी अब विश्रांति  जगी फिर यूं कामना  मन ऐसा उफनाया  कैसा तेरा खेल, प्रभु कोई समझ ना पाया क्या सत्य है, क्या असत्य मन समझ ना पाया कैसा जोग, कैसा जोगी  बैरागी कहलाये जो  बन  जाये ...

मखाने से बना झटपट नाश्ता बनाने की रेसिपी

 मखाने से बना झटपट नाश्ता मखाने से तैयार नाश्ता हम लाए हैं आपके लिए मखाने  से बनी झटपट नाश्ता बनाने की रेसिपी ... आशा है आपको पसंद आएगी और आप इसे झटपट घर पर बनाकर  झटपट से बच्चों को खिलाएंगे और झटपट खुद भी खाएंगे और मजा लेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं .... मखाने से बनी   झटपट नाश्ता डिश की रेसिपी--

क्या आपको भी अपना जीवन कठिन लगता है? कैसे बनाये अपने जीवन को आसान

आपको अगर अपने जीवन में परिस्थितियों के कारण अथवा किसी अन्य कारण से कठिनाई महसूस होती है तो शायद हमारा यह लेख आपके किसी काम आए जिसमें बताया गया है कि आप कैसे अपनी सोच बदल कर कठिन परिस्थितियों को भी अपने वश में कर अपने कठिन प्रतीत होने वाले जीवन को आसान व आनंदपूर्ण बना सकते हैं.   क्या वास्तव में जीवन जीना इतना कठिन है? क्या आपको भी अपना जीवन इतना कठिन लगता है