ईश्वर का वरदान है मुस्कान मनुष्य के लिए क्योंकि केवल मनुष्य मात्र ऐसा जीव है जो मुस्कुरा सकता है. अन्य किसी जीव को ईश्वर ने मुस्कराने की सुविधा प्रदान नहींं की है.
इसलिए मुस्कुराहट पर पढ़िये हमारा यह लेख...
मुस्कराने में कंजूसी मत कीजिये
अधरों पर मुस्कान आते ही आंखों में चमक, चेहरे पर रंगत और अंदाज़ में खुशनुमानियत नजर आने लगती है. सामने वाले को अपना बना लेने का जबरदस्त हथियार है मुस्कान. किसी को देख मुस्करा भर देने से ही वह हमारे प्रति सहज हो जाता है.
मुस्कान, अपनत्व की पहचान है |
किसी को देख मुस्कुरा दो तो वह स्वयं को महत्वपूर्ण मानने लगता है और उसका मनोबल बढ़ जाता है और आपका कुछ जाता भी नहीं.
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बताइए क्या दूसरों का मनोबल बढ़ाना कम पुण्य का कार्य है? और फिर मुस्करा कर दूसरों से बड़े से बड़ा काम करवा लेना भी सम्भव हो जाता है.
मुस्कुराते हुए चेहरे अपने चारों ओर ऐसी सकारात्मकता (positivity) का निर्माण कर देते हैं कि आसपास के अन्य लोग भी उस सकारात्मकता से प्रभावित हो प्रसन्नता और शांति का अनुभव कर स्वभाविक
रूपसे मुस्करा उठते हैं.
फूल ना दे सको
किसी को गर
एक मुस्कान ही दे दो
तुम्हारा कुछ भी तो
ना जाएगा
उसकी तबीयत
संवर जाएगी.
इस बात की परख हम यूं भी कर सकते हैं कि सोचो, कोई परिचित आपको देख कर भी अनदेखा कर दे और बिना मुस्कुराए ही निकल जाए तो उसकी उपेक्षा से घंटे भर के लिए तो आपका मूड बिगड़ ही गया मानो. बेवजह एक कडुवाहट सी मन को मथती रहती है. लगता रहता है..
"कोई बात भी नहीं, पर बात भी है".
ना चाहते हुए भी कुछ समय तक हृदय को यही बात सालती रहती है और एक अनचाही, अनजानी सी दूरी उस व्यक्ति के प्रति आपके हृदय में आ जाती है और अगली बार आप भी उसे देख कर अनदेखा करने का प्रण मन ही मन ले स्वयं को शांत करने का प्रयत्न करते हैं. ईमानदारी से बताइये - करते है ना?
मेरा तो भई, यह मानना है कि ---
मै जब राहों से गुजरता हूं
अपनी जानिब
मुस्काने गिनता हूं
कुछ इस तरह मै
जिंदगी को
मुट्ठी में रखता हूं.
तो चले आज से हम भी मुस्कान के आदान-प्रदान द्वारा जीवन को यानी कि जीवन की खुशियों को अपनी मुट्ठठी में रक्खे. साथ ही दूसरों पर मुस्कान लुटा उन्हें खुशियां देने में तनिक भी कंञूसी ना दिखाये.
और हाँ, औरों के प्रति अपना व्यवहार भी सदा सद्भावना से भरपूर रखें ताकि आपको देखते ही हर किसी के मुख पर अपनत्व भरी मुस्कान स्वयं ही खेलने लगे और वह आपसे कतरा कर जा ही ना सकें.
हम में कुछ हो ना हो
लूट लेंगे हम जहाँ
मुस्करा कर
दुनिया की दौलत फना
एक मुस्कान पर
लुट जायेंगे
हम मुस्करा कर. -------------------
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