स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) 15 अगस्त के पुनीत अवसर पर शहीदों के सम्मान में एक कविता, एक श्रद्धांजलि......
जय-हिंद जय-भारत
शहीदों को नमन
शहीदों के प्रति
तुम्हारे प्रतिहमारा नमन
और
देश की शुभकामनाएं
सब बौनी है
बड़ा है तो बस
तुम्हारा
मातृभूमि के प्रति
वह जज्बा
जान लुटा देने की
तुम्हारी कामना
तुम्हारी देश-भक्ति
की भावना
तुम्हें
हमारी संवेदनाओं की
क्या जरूरत
कितना दे सकेगा भला
यह देश तुम्हें
सम्मान और शोहरत
लाल बहादुर शास्त्री जी पर पढ़ें एक कविता
तुम सम्मानित
कब ना थे
तुम पूजित अब भी हो
तब भी थे
तुम्हें तो ईश्वर ने
देशभक्ति के
जिस जज्बे से
नबाज कर भेजा था
वह प्रकाश
तुम्हारे अंतर में
सदा से ही था
यह सम्मान तो
बस आभामंडल है
तुम्हारे भीतर के
प्रकाश का
यूं तो देशभक्त
होता है
हर देशवासी
पर
कुर्बानी का जो जुनून
तुम्हें बख्शा है
कुदरत ने
उसकी संतुष्टता
उसकी पर्याप्तता
कभी मुहताज
नहीं होती
किसी सम्मान की
या किसी नाम की
इंडिया गेट की
ऊंची दीवार पर
अंकित है
हमारे शहीदों के नाम
इतनी ऊंचाई पर कि
पढ़ें भी ना जा सकें
देख कर
मन में ख्याल आया
कि क्या पाया
इन्होंने अपने जीवन के
अमूल्य पलों को
देश पर कुर्बान कर
पर अगले पल
मन ने कहा कि
पाया तो बस इन्होंने ही
हमने तो बस
जिंदगी खर्च की है
ये सितारे बन गए है
उस ऊंचे
अंतर आकाश के
जिसके विस्तार को
वही अनुभव
कर सकता है
जिसकी आत्मा
अपनी
जन्म-दायिनी मातृभूमि
के प्रति कृतज्ञता से
परिपूर्ण हो
और
इन सितारों की
चमक को
वही देख सकता है
जिसकी आंखें
स्वार्थपरता की
चकाचौंध में
चौंधिया ना गयी हों.
---------------------
जय जवान-जय किसान
तुम सम्मानित
कब ना थे
तुम पूजित अब भी हो
तब भी थे
तुम्हें तो ईश्वर ने
देशभक्ति के
जिस जज्बे से
नबाज कर भेजा था
वह प्रकाश
तुम्हारे अंतर में
सदा से ही था
यह सम्मान तो
बस आभामंडल है
तुम्हारे भीतर के
प्रकाश का
यूं तो देशभक्त
होता है
हर देशवासी
पर
कुर्बानी का जो जुनून
तुम्हें बख्शा है
कुदरत ने
उसकी संतुष्टता
उसकी पर्याप्तता
कभी मुहताज
नहीं होती
किसी सम्मान की
या किसी नाम की
इंडिया गेट की
ऊंची दीवार पर
अंकित है
हमारे शहीदों के नाम
इतनी ऊंचाई पर कि
पढ़ें भी ना जा सकें
देख कर
मन में ख्याल आया
कि क्या पाया
इन्होंने अपने जीवन के
अमूल्य पलों को
देश पर कुर्बान कर
पर अगले पल
मन ने कहा कि
पाया तो बस इन्होंने ही
हमने तो बस
जिंदगी खर्च की है
ये सितारे बन गए है
उस ऊंचे
अंतर आकाश के
जिसके विस्तार को
वही अनुभव
कर सकता है
जिसकी आत्मा
अपनी
जन्म-दायिनी मातृभूमि
के प्रति कृतज्ञता से
परिपूर्ण हो
और
इन सितारों की
चमक को
वही देख सकता है
जिसकी आंखें
स्वार्थपरता की
चकाचौंध में
चौंधिया ना गयी हों.
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जय जवान-जय किसान
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