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साबूदाने का बड़ा और मटर का झोल बनाने की रेसिपी

 हम लाए हैं इस बार आपके लिए साबूदाने का   बड़ा और मटर का झोल बनाने की रेसिपी... पढ़ें-- लड्डू, बर्फी, खीर आदि मिठाईयां बनाने के उपयोगी टिप्स साबूदाने के आपने बहुत से व्यंजन बनाए होंगे. साबूदाने के बने हुए व्यंजन पौष्टिक भी होते हैं और व्रत आदि में भी काम आते हैं. लेकिन आप अगर व्रत के लिए बनाए तो व्रत के हिसाब से ही इसमें मसालों का प्रयोग करें. यहां हम सामान्य रूप से साबूदाने के बड़े बनाने की रेसिपी बता रहे हैं. अब आजमा कर देखिये यह रेसिपी भी.. रेसिपी--  साबूदाना बड़ा सामग्री -- 200 ग्राम साबूदाना (भिगोकर रख दें)  1 किलो आलू (उबाल लें)  250 ग्राम भुनी हुई मूंगफली (छिलके निकालकर खलबट्टे या मिक्सी में दरदरी अर्थात मोटी कूट लें)  अदरक और मिर्च का पेस्ट  तीन नींबू का रस  आधा गड्डी धनिया बारीक कटा हुआ तेल  नमक स्वाद के अनुसार  विधि-- आलूओं को उबालकर छीलकर मसल लें. फिर साबूदाने का पानी अच्छी तरह से निथार कर मसले हुए आलुओं को उसमें मिलाएं. फिर अदरक मिर्च और नींबू का रस नमक और धनिया और मूंगफली भी मिला दें. अब...

बर्फी, लड्डू, खीर मिठाई बनाने के कुछ उपयोगी टिप्स

यूं तो बाजार में हर तरह की मिठाई मिल जाती है. किंतु अगर घर पर मिठाई बनाकर खिलाई और खाई जाए तो उस का आनंद कुछ और ही होता है. आप भी घर पर बर्फी, लड्डू जैैैैसी मिठाइयां अवश्य ही बनाती होंगी.  यहां हम बता रहे हैं किसी भी तरह की बर्फी और लड्डू तथा चावल या गाजर की खीर बनाने के कुछ खास टिप्स जिन्हें प्रयोग कर आप इन मिठाइयों के स्वाद में बढ़ोतरी कर सकती हैं व आप की मिठाई perfect  दिखने में सुन्दर व खाने में स्वादिष्ट बनेगी. बर्फी तथा लड्डू आदि मिठाइयां बनाने के विशेष टिप्स-- सर्वप्रथम हम आपको बताते हैं..

मूंग पालक साग रेसिपी

इस बार लाए हैं हम गृह-स्वामिनी पर आपके लिए मूंग पालक साग बनाने की रेसिपी . आशा है यह रेसिपी आपको अवश्य पसंद आएगी और इस बार अपने रसोईघर में आप इसे जरूर ट्राई करेंगे एवं इसके स्वाद या जायके से आनंदित होंगे औरो को खिला कर उनकी वाहवाही भी लूटेंगे।

पाककला के कुछ उपयोगी टिप्स

कौन गृहिणी  कुकिंग के उपयोगी टिप्स का प्रयोग नहीं करना चाहेगी जिससे कि उसके रसोई घर में बने भोजन से पूरा परिवार  तृप्ति का अनुभव करे तथा घर  का हर सदस्य और घर में आने वाले मेहमान उस की  पाककला   की प्रशंसा करते रहे. इसके लिए महिलाएं अक्सर अपने  रसोईघर  में  पाककला  के नए-नए   व्यंजन  बनाती रहती है और नए नए  टिप्स  आजमाती रहती हैं. किंतु आजकल की कामकाजी महिलाओं को इतना समय नहीं मिल पाता कि वे रोज नए नए व्यंजन बनाए।उन्हें घर-बाहर, ऑफिस व बच्चों की पढ़ाई आदि के अन्य कार्य करने होते हैं जिससे वह चाह कर भी कुछ नया नहीं पका पाती, बस जैसे-तैसे रोजमर्रा में बनने वाला सामान्य भोजन ही बना पाती हैं किंतु उस रोजमर्रा के भोजन में भी अगर कुछ नए प्रयोग किए जाएं तो जिनमें अतिरिक्त समय भी ना लगे और रंग भी चोखा आए तो फिर बात ही क्या? भोजन बनाने के कुछ उपयोगी टिप्स-- तो फिर क्यों ना आजमायें हम महिलाएं पाककला    के लिए ये कारगर  टिप्स ---

गाजर का परांठा -रेसिपी

आपने बहुत तरह के परांठे खाए होंगे. जैसे आलू का  पराठा, गोभी का परांठा, मूली का परांठा, आलू प्याज का परांठा आदि आदि.  आज हम आपको  गाजर का परांठा  बनाने की रेसिपी बताते हैं जो खाने में बहुत टेस्टी लगता है. तो आजमाइये यह रेसिपी... गाजर के परांठे की  रेसिपी....

नयी रेसिपी- रसगुल्लों की सब्जी

ले कर आये हैं हम बिल्कुल नई रेसिपी आपके लिए रसगुल्लों की सब्जी रसगुल्लों की सब्जी की रेसिपी अक्सर हम रोज वही गिनी चुनी सब्जियां खाते-खाते ऊब जाते हैं फिर हमारा मन करता है कि कोई नई चीज खाई जाए तो चलिए आज हम आपके लिए लाए हैं एक नयी सब्जी बनाने की रेसिपी जो कि रसगुल्ले से बनाई जाती है चौक गए ना आप कि भला रसगुल्लों की सब्जी  भी होती है  क्या भला ? तो होती है साहब, होती है. तो लीजिए पेश है आपके लिए रसगुल्लों की सब्जी ..... बनाइये, खिलाइये, खाइये,और मजा लीजिए......

मखाने से बना झटपट नाश्ता बनाने की रेसिपी

 मखाने से बना झटपट नाश्ता मखाने से तैयार नाश्ता हम लाए हैं आपके लिए मखाने  से बनी झटपट नाश्ता बनाने की रेसिपी ... आशा है आपको पसंद आएगी और आप इसे झटपट घर पर बनाकर  झटपट से बच्चों को खिलाएंगे और झटपट खुद भी खाएंगे और मजा लेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं .... मखाने से बनी   झटपट नाश्ता डिश की रेसिपी--

सर्दियों के लिए गुड और चावल से बनी मजेदार डिश की रेसिपी- गुड़ के चावल

सर्दियों में गुड़ का अपना अलग ही मजा है. वैसे भी गुड़ गर्म होता है इसलिए सर्दियों में गुड़ खाना फायदेमंद भी है. यहां हम आपको गुड़ के चावल बनाने की रेसिपी बता रहे हैं. ये चावल बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं.  लोग इस डिश को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं लेकिन हम तो सीधे-साधे अपनी  देशी  भाषा में इस डिश को गुड़ के चावल कहते हैं.

चाय मसाला रेसिपी

चाय मसाला बनाने की रेसिपी  खुशबूदार कड़क चाय बनाने के लिए  चाय  आधुनिक जीवन शैली  का एक महत्वपूर्ण अंग है.  गर्मी हो या सर्दी जिनको  चाय  पीने की आदत होती है, उन्हें अपने समय पर चाय चाहिए ही चाहिए.

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पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी... हास्य बन्नी गीत पढ़ें तो प्रस्तुत है यह  भा वपूर्ण, दिल को छू लेने वाली कविता 'साथी मेरे' धूप को छांव को, बरखा बहार को प्रिये तेरे साथ से पहचानता हूं साथी मेरे, इस जिंदगी को अब मैं बस तेरे नाम, से ही तो जानता हूं कितने सावन हमने पीछे छोड़े सुख-दुख के पलों से नाते जोड़े जुटी खुशियां और आशाएं भी टूटी करें मगर क्यों गम जो दुनिया रूठी मीत मेरे मैं तो, तेर...

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प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था
जीवन को नकारात्मकता से बचाए उम्र तथा अनुभव बढ़ने के साथ हम महसूस करने लगते है कि हमारे बुजुर्ग, शास्त्र एवं महान पुरुष जो कह गए हैं वो कितना सही है. बचपन में बच्चे कितने निर्दोष होते हैं. युवा होने के साथ उनमे संसारिकता बदती जाती है फिर प्रोड होने तक जिम्मेदारियों के निर्वहन तथा आवश्यकताओं के संपादन में बहुत कुछ गलत कार्य भी मनुष्य से हो जाते हैं. किन्तु एक नार्मल प्रोड तथा उम्र-दराज़ इंसान जब अपनी मूलभूत जिम्मेदारियो से मुक्त हो जाता है तो उसमे उसकी शुद्ध आत्मा की झलक दिखाई पड़ने लगती है. क्योंकि वह स्वयं को मुक्त अनुभव करने लगता है और उसके चित्त पर चिंताओं के आवरण कम हो जाते हैं. मैंने देखा है कि मुक्त व्यक्ति औरों के प्रति भी सहृदय हो जाता है, स्वयं को उस सत-चित्त आनंद स्वरुप आत्मा से भी जुडा महसूस करता है, प्रसन्न रहना चाहता है और अन्य लोगो को भी प्रसन्नता देना चाहता है. यही तो जीव-आत्मा की मूल विशेषता है. और सब तो संसारिकता है. इसीलिए हम बच्चों को यह सिखाने का प्रयास करे कि अगर कोई उनके साथ ख़राब भी करता है तो यह उसकी अपनी लाचारी है. उस व्यक्ति को वह उसके मूल स्वरुप में देख...

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