सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

A long Love Poetry In Hindi 'किनारा'

प्रेमी की उपेक्षा से आहत प्रेमिका के मनोभावो को प्रदर्शित करती - A Long Love Poetry In Hindi 'किनारा'      

नारी का मन जितना कोमल होता है, उतनी ही वह महान भी होती है.किन्तु प्रेमी के प्रति उसका प्रेम कम नहीं होता और उसके मन में यही आस जगी रहती है कि उसका प्रेमी लौटकर उसके पास अवश्य आएगा. 

तो प्रस्तुत है प्रेयसी के त्यागपूर्ण और महान प्रेम की नदी के किनारे से प्रतीकात्मक तुलना करती हुई-

एक लंबी हिंदी प्रेम कविता- 'किनारा'

hindi-love-poetry-kinara
Love Poem- 'Kinara'

 

तुम अपने आज में
मशगूल हो
और मेरे पास 
तुम्हारा कल सुरक्षित है

तुम्हारे लिए
तुम्हारा अतीत
व्यर्थ की वस्तु है, मगर
मेरा भूत, मेरा वर्तमान और
मेरा भविष्य
तुम्हारे उस कल को ही
समर्पित है

कभी तुमने
मुझसे कहा था
तुम मेरा किनारा हो
तुम ही मेरा जीवन
तुम ही सहारा हो

और तब से
मैं किनारा
बन खड़ी हूं, मगर
तुम नदी बन बह गए
ढूंढ लिए तुमने
नए किनारे, किंतु
मेरे सब सहारे ढ़ह गए

सच ही है
भला किनारे क्या कभी
बहती धारा को रोक पाए हैं
जल के आवेग के सम्मुख
वो सदा ही डूबे डुबाये हैं

मैं खड़ी हूं
पथराई आंखें लिए
तुम्हारे अतीत में डूबी
और तुम
अपने आज को भोगते हो
सच बताओ
क्या कभी
कुछ पल अपने
अतीत को भी सौंपते हो

हर चीज का
अंत निश्चित है
और निश्चित ही
किनारों का भी
अंत होगा तुम्हारे लिए
लौटना होगा तुम्हें भी
कभी ना कभी
पाँवों में चुभते
हुए छाले लिए

झाँकना ही होगा
तुम्हें कभी
अतीत के गर्भ में
हम ही याद आएंगे
तुम्हें तब
अपनों के संदर्भ में

स्मरण करोगे
तब तुम
कहां से प्रारंभ की थी
तुमने यात्रा
तुमने पाये या
तुमने दिए किसी को
किन संतापों की
अधिक है मात्रा

तब तुम
निश्चय ही
बढ़ आओगे
उस किनारे की ओर
जिस का सहारा ले
तुम आगे बढ़ गए थे
लहरों से टकराते-टकराते 
अब वह किनारा
एक युग बन गया है

बढ़ते बढ़ते
रुक जाओगे तब तुम
झिझकोगे
निहारोगे मेरी ओर
पर नहीं पकड़ पाओगे
शब्दों का छोर

तब मैं कहूंगी तुमसे
आओ मत सकुचाओ
मैं वही हूं
तुम्हारा अपना किनारा
तुम्हारा सहारा

मेरी बाहें ना थामो
मेरी गोद में आओ
मेरे सीने में छिप जाओ
मैं तुम्हें दुलराऊँगी
छाती से लगाऊंगी
नहीं दूंगी
कोई उलाहना
मैंने सीखा है बस
प्यार बरसाना 

समय की ठोकरें
                               खा कर भी मैं
अपनी धरती से जुड़ी रही
इसीलिए धरती मां ने
दे दिया है मुझे
अपना धैर्य,
अपनी गरिमा
और मेंने
प्रेयसी जैसी अधीरता छोड़
मां का गौरव
प्राप्त कर लिया है
---------------------

कविता के सन्दर्भ में कुछ शब्द- 

कवि कविता लिखता नहीं है वरन सच्ची कविता उसके मानस में अवतरित होती है और झरने की तरह झरती हुई मन की पवित्र भाव-भूमि को छू अपने विशुद्ब रूप में बहने के लिए आतुर हो उठती हैं. इस काव्य-गंगा को शिल्प रूपी किनारों में बांधने के लिए कवि को भावों के इस आवेग को भागीरथी प्रयास कर शिव के समान अपने काव्य-कौशल्य रूपी जटाओं में इस प्रकार समाना होता है कि काव्य रचना की विशुद्धता भी बनी रहे और काव्य शिल्प भी बाधित ना हो. कभी-कभी भाव-सौन्दर्य और शिल्प कौशल में से किसी एक का पलड़ा भारी भी हो जाता है और दूसरा पक्ष कुछ हल्का पड़ जाता है.

यहाँ अन्य श्रेष्ठ कविताएं पढ़ें  

   प्रस्तुत लम्बी कविता 'किनारा ' में सभी उहापोहों को छोड़ मैंने रचना को उसके विशुद्ध भाव पक्ष में प्रस्तुत करने को प्राथमिकता दी है और जिस रूप में कविता मेरे मानस में अवतरित हुई उसी रुप में, उसी भाव-भूमि में, उन्हीं शब्द रूपी काव्य मोतियों में पिरो कर प्रस्तुत किया है.

पति पत्नी के शाश्वत प्रेम पर पढ़ें यह भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'
    नारी का हृदय होता ही ऐसा है कि वह जिससे सच्चा प्रेम करती है उसकी अपने प्रति उपेक्षा और बेरूखी को भी विस्मृत और नजरअंदाज कर उस पर अपना प्रेम लुटाती रहती है. नारी किसी भी रूप में हो, मां ,बहन, पत्नी और यहां तक कि प्रेयसी भी उसके हृदय में सदा मातृत्व की भावना अधिक होती है. इन्हीं पवित्र भावनाओं को प्रदर्शित करत है मेरी उपरोक्त कविता....

टिप्पणियाँ

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 16 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

लेबल

ज़्यादा दिखाएं

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतिपत्नी के प्रेम पर दिल को छू लेने वाली भावपूर्ण कविता 'साथी मेरे'

पतिपत्नी के प्रेम पर आपने बहुत कविताएं पढ़ी होगी। पतिपत्नी के संबंधों की गहनता पर   पति द्वारा   जीवन संगिनी अर्थात   पत्नी को सम्बोधित करती दिल को छू लेने वाली यह   भावपूर्ण कविता  ' साथी मेरे ' पढ़ें . पति-पत्नी के बीच का संबंध   बहुत गहरा , बहुत पवित्र और जन्म जन्मांतर का संबंध होता है. एक दूसरे के लिए वह संगी साथी,जीवन साथी सभी कुछ होते हैं. दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं. संग संग रहते हुए वह एक दूसरे की अनुभूतियों   में समा जाते हैं. इसी पवित्र, प्यारे और सुंदर रिश्ते को लक्षित करते हुए लिखी गई है मेरी यह मौलिक  कविता .  आशा है आपकी प्रतिक्रियाएं अवश्य मिलेगी...

दाम्पत्य जीवन मे पत्नी के लिए पति के भावों को व्यक्त करती प्रेम कविता- मैं एक फूल लेकर आया था

प्रेम भी अभिव्यक्ति चाहता है. दाम्पत्य जीवन में एक दूसरे के लिए कुछ आभार व प्यार भरे शब्द वो भी प्रेम   कविता के रूप में पति-पत्नी के प्रेम को द्विगुणित कर देते हैं.  युगल   चाहे वे दम्पति हो अथवा  प्रेमी-प्रेमिका  के बीच  प्रेम  की एक नूतन अभिव्यक्ति.... पत्नी के समर्पण और प्रेम के लिए पति की और से आभार और प्रेम व्यक्त करती हुई एक भावपूर्ण  प्रेम  कविता...   मैं एक फूल लेकर आया था

पति पर हास्य कविता| पति पत्नि की मनोरंजक नोकझोंक

हम लेकर आये हैं अंजू अग्रवाल द्वारा रचित पति पर   हास्य कविता। पति पत्नी की नोकझोंक प र लिखी गयी यह कविता निश्चय ही आपका मनोरंजन करेगी.   एक हास्य पति पर लिखी कविता कवि सम्मेलनों में प्राण फूंक देती हैं. उस पर भी पत्नी पर लिखी गयी हास्य कविताओं का तो श्रोता कुछ अधिक ही आनंद लेते हैं.  हास्य कवि तो मंच पर पत्नियों की बैंड बजा कर वाहवाही लूट मस्त रहते है पर एक हास्य कवि की पत्नी से यह बर्दाश्त न हुआ कि हमारा मजाक उड़ा पतिदेव वाहवाही लूटें तो उसने भी पतिदेव की बैंड बजाने की सोच एक हास्य कविता लिख दे मारी।  ऐसा ही कुछ दृश्य इस कविता की विषय वस्तु हैं.      कविता का आनंद ले-.    हास्य कविता-  मैं तो बिन सुने ही हंसता हूँ सोचा हमने कि मंच, पर हम भी जमेंगे श्रोता वाह वाह तब , हम पर भी करेंगे तंज कसते पत्नियों पर, यह मंच पर नित्य  हास्य कवि पति अब, हमसे भी ना बचेंगे. कविता एक हास्य की , हमने भी लिख मारी कहा इनसे सुनो जी , बोले आयी आफत हमारी पता था हमको यह, कि नौटंकी जरूर करेंगे नहीं हिम्मत मगर इतनी, कि कविता ना सुनेंगे. कहा हमने बोरिंग नहीं, कविता हंसने वाली है बोले तपाक से अच्छ

'मेरी तुम ज़िंदगी हो' valentine day love poem for husband from wife

A valentine day love poem(प्रेम कविता) for husband from wife (पति के लिए पत्नी की प्रेम भावनाएं 'मेरी तुम ज़िंदगी हो' कविता के रूप में)..  कितना प्यारा रिश्ता होता है पति पत्नी का. कभी खट्टा कभी मीठा। जितना चटपटा जायकेदार तो उतना ही मन की गहराइयों तक उतर कर अपनेपन की अलौकिक अनुभूति से सराबोर करने वाला. मगर यह रिश्ता प्यार की अनुभूति के साथ साथ प्यार की अभिव्यक्ति भी चाहता है, दिल की गहराइयों से निकले प्यार के कुछ बोल भी चाहता है. वो बोल अगर अपने जीवनसाथी के लिए  पति या पत्नी द्वारा रचित, लिखित या कथित प्रेम कविता के रूप में हो तो कहना ही क्या. एक नया रंग मिल जाएगा आपके प्यार को.  हमारे भारतीय समाज में जिम्मेदारियों और जीवन की भागदौड़ के रहते अक्सर पति-पत्नी ( husband wife) एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को मुखर नहीं करते और जीवन का ढर्रा एकरस सा चलता रहता है. जीवन में रंग भरने के लिए प्रेम की अभियक्ति भी जरूरी है. वह I love you वाली घिसी पिटी अभिव्यक्ति नहीं बल्कि हृदय की गहराई से निकले प्रेम के सच्चे भाव. शायद ऐसे ही अवसरों के लिए अब Valentine day  और marriage day (mar

कोई जहर खाले तो क्या और कैसे करें उपचार

जहर का नाम सुनते ही हर कोई घबरा जाता है. मगर यदि कभी ऐसी परिस्थिति आ जाये कि कोई जहर खाले तो घबराने से तो काम नहीं चलेगा. डाक्टर के पास ले जाने में भी थोड़ा समय तो अवश्य लगेगा. ऐसे में तब तक स्वयं को संयत रखते हुए मरीज का उपचार करना अति आवश्यक है.  तो यहां यही बताने की कोशिश की गयी है कि डाक्टर तक पहुँचने से पहले जहर खाये मरीज का  किस प्रकार अर्थात क्या और कैसे मरीज का उपचार करें. यदि किसी को जहर दिया गया हो या उसने स्वयं खाया हो तो क्या और कैसे करें उपचार... जितना शीघ्र हो सके जहर खाये व्यक्ति को जहर खाने के १० मिनिट के भीतर ही भीतर डॉक्टर के पास ले जायें और यदि इतना शीघ्र डॉक्टर के पास ले जाना संभव ना  सके तो ये उपचार शीघ्र से शीघ्र करें. जहर मृत्यु का दूसरा नाम है. अक्सर घरों में किसी न किसी काम के लिए किसी भी रूप में हलका या तीव्र जहर मौजूद रहता ही है चाहे वह चूहों आदि या कीट पतंगों को मारने के लिए हो या किसी दवाई के रूप में हो या घर की सफाई के लिए किये जाने वाले डिटर्जेंट पदार्थों जैसे फिनाइल आदि के रूप में.

एक अनुभूति पूरक कविता- जैसे कोई मिल गया परिचित हमें प्रवास में

Best Gazals प्रेम की सूक्ष्म व अलौकिक अनुभूति का प्रस्तुतिकरण कविता  रूप में..... जैसे कोई मिल गया परिचित हमें प्रवास में  पढ़ें एक और  अनुभूति पूरक कविता ' क्षितिज के पार '  इस कविता को  प्रेम-गीत भी कहा जा सकता है मगर यह स्थूल प्रेम का गीत नहीं वरन् प्रेम की उस सूक्ष्म व अलौकिक अनुभूति का प्रस्तुतिकरण है जिसका कोई साकार रूप नहीं होता, बस झिलमिल सी एक पहचान, अपनेपन का अव्यक्त सा आभास जिसका सांसारिकता से कोई लेना-देना नहीं होता. शायद पिछले जन्म की कोई पहचान होती होगी इस तरह की अनुभूतियों के पीछे....शायद. क्या आपको भी कभी ऐसी अनुभूति हुई है कि किसी को देखकर आपको ऐसा लगा हो कि इस शख्स को हम ना जाने कितने जन्मों से जानते हैं कुछ ऐसी ही अनुभूति लिए मेरी यह मौलिक काव्य गीत रचना आपके लिए:- दार्शनिक कविता पढें- विरोधाभास

क्या आपको भी अपना जीवन कठिन लगता है? कैसे बनाये अपने जीवन को आसान

आपको अगर अपने जीवन में परिस्थितियों के कारण अथवा किसी अन्य कारण से कठिनाई महसूस होती है तो शायद हमारा यह लेख आपके किसी काम आए जिसमें बताया गया है कि आप कैसे अपनी सोच बदल कर कठिन परिस्थितियों को भी अपने वश में कर अपने कठिन प्रतीत होने वाले जीवन को आसान व आनंदपूर्ण बना सकते हैं.   क्या वास्तव में जीवन जीना इतना कठिन है? क्या आपको भी अपना जीवन इतना कठिन लगता है